सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी आज से
धान की उपज लेने के लिए 4 महीने कड़ी मेहनत करने के बाद अब किसानाें काे इसे मंडी में बेचने में भी परेशान हाेना पड़ रहा है। इसके लिए भी किसानों काे धान की रखवाली के लिए 48-48 घंटे का समय दहशरा मैदान में खड़े ट्रैक्टर-ट्रालियों पर ही गुजारना पड़ रहा है। रात को पड़ने वाली ठंड भी किसान इस उम्मीद में सह रहे हैं कि अगले दिन धान की नीलामी हो जाएगी और मिले रुपए से वे रबी की फसल की बोवनी के लिए आवश्यक खाद-बीज जुटा लेंगे। सांचेत के पास स्थित बड़ौदा गांव से आए किसान सुनील विश्वकर्मा अपने परिवार के लोगों के साथ 4 ट्राली धान लेकर सोमवार को सुबह 11 बजे शहर के दशहरा मैदान में पहुंच गए थे। दिन के बाद पूरी रात भी रखवाली के लिए ट्रालियों में ही गुजारनी पड़ी। दूसरे दिन मंगलवार को भी धान की नीलामी नहीं हुई। इसके बाद फिर और 24 घंटे धान की रखवाली करते रहे। ठंड के कारण मंगलवार-बुधवार की रात भी ट्रालियों में रुक-रुक गुजारी। इस दौरान दो सदस्यों को बड़ौदा गांव से रायसेन भोजन लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इतनी मशक्कत के बाद बुधवार को दोपहर 1 बजे के बाद धान की नीलामी हो पाई। सुनील विश्वकर्मा की तरह ही सैकड़ों किसानों को बीते दिनों में धान की नीलामी के लिए परेशान होना पड़ा है।
तीन दिनों में शुरू नहीं हो पाई क्रांति किस्म की धान की खरीदी
जिले में 16 नवंबर से 19 सरकारी खरीदी केंद्रों पर धान की खरीदी की जाना थी। लेकिन सहकारिता समिति के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बुधवार को धान की खरीदी शुरु नहीं हो पाई। इससे किसान अपनी क्रांति किस्म की धान वहां नहीं बेच पा रहे हैं।
नीलामी बंद रहने का पड़ा असर
पांच दिनों से कृषि उपज मंडी में नीलामी बंद रहने के बाद बुधवार को नीलामी शुरू हुई। इसके चलते दशहरा मैदान में 500 से अधिक ट्रैक्टर- ट्राली से किसानों द्वारा नीलामी के लिए धान लाई गई। इस धान की नीलामी सुबह 11 बजे से शुरु होकर 5 बजे तक चलती रही। इस तरह से करीब 15000 क्विंटल धान की आवक हुई।
सहकारिता कर्मचारी काम पर लौटै, आज से शुरु हो जाएगी धान की सरकारी खरीदी
सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हाेने के बाद आज से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी भी शुरू हाे जाएगी। बुधवार को शहर में मप्र सहकारिता कर्मचारी संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला आपूर्ति निगम राशि के भुगतान के लिए लिखित आश्वासन दे। इसी तरह जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक से कैडर के संबंध में लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया है। संघ के जिला
अध्यक्ष ज्योतिचंद्र नामदेव ने बताया कि एक दिन पहले मंगलवार को कलेक्टर साहब के साथ बैठक में नॉन द्वारा भुगतान कराने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में चर्चा में ये बात सामने आई है कि कर्मचारी मौखिक आदेश का मानने के लिए तैयार ही नहीं है। इसलिए लिखित आश्वासन मिलने तक सहकारिता के कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहेगी। लेकिन शाम के समय कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और सहकारिता उपायुक्त के साथ हुई दूसरी बैठक में हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इससे अब गुरुवार से जिले के 19 केंद्रों पर धान की सरकारी खरीदी शुरु हो जाएगी।