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MP-UP पानी बंटवारा विवाद पर बैठक:शिवराज ने कहा -बेतवा लिंक परियोजना से यूपी को 700 MCM पानी देने तैयार, शेखावत बोले- जल्द देंगे अच्छी खबर

www.bhasker.com | 10-Jan-2021
केन-बेतवा लिंक परियोजना से मप्र और यूपी के बीच पानी के बंटवारे को लेकर मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट व अफसर मौजूद रहे। मख्यमंत्री ने मजबूती से रखा मध्य प्रदेश का पक्ष, अफस ...

केन-बेतवा लिंक परियोजना से मप्र और यूपी के बीच पानी के बंटवारे को लेकर मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट व अफसर मौजूद रहे।
मख्यमंत्री ने मजबूती से रखा मध्य प्रदेश का पक्ष, अफसरों ने मप्र में पानी की जरूरत के कारण भी बताए
15 साल से चले आ रहे विवाद पर सहमति बनाने अब एमपी-यूपी के CM के साथ बैठक करेंगे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री

newsकेन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर 15 साल से चल रहे विवाद का पटाक्षेप जल्दी ही होने के आसार हैं। दोनों राज्यों में सहमति बनाने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक की। इसमें मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश का पक्ष मजूबती से रखा। उन्होंने कहा कि मप्र इस परियोजना से 700 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी उत्तर प्रदेश को देने तैयार है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि गत वर्ष 29 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई थी। इस वर्ष 31 लाख हेक्टेयर में सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों राज्यों के साथ बैठक कर आपसी सहमति के बाद शीघ्रता से इस कार्य को प्रारंभ किया जाएगा। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी मौजूद रहे।

मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि बैठक में मप्र को यूपी को रबी के सीजन में 930 एमसीएम देने के लिए तकनीकी पहलुओं पर सहमति बन गई है, लेकिन कितना पानी इस परियोजना से मप्र देगा, इसे लेकर 2005 और 2017 में लिए गए निर्णय के आधार पर होने पर होने के संकेत मिले हैं। बैठक के बाद शेखावत ने कहा, हम समझौते के स्तर पर तक पहुंच गए हैं। केंद्र सरकार दोनों राज्यों को समान नजरिया रखकर और किसानों के हित में निर्णय करेगी। जल्दी ही शुभ समाचार देंगे। बता दें कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक पानी की जरूरत के हिसाब से बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार करेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार मार्च-अप्रैल में परियोजना को शुरू करने की तैयारी कर चुकी है। परियोजना से पानी के बंटवारे को लेकर पिछले 15 साल से वार्ताएं चल रही हैं, लेकिन नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सका। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन अब दोनों राज्यों के साथ जल्दी ही बैठक करेंगे। परियोजना को लेकर वाइल्ड लाइफ की अनुमतियां प्राप्त हो चुकी हैं। जब उनसे पूछा गया कि यूपी 930 एमसीएम पानी की मांग कर रहा है, इस पर क्या निर्णय हुआ? उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि फिलहाल में कुछ नहीं कह सकता।

विवाद की जड़
वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम पानी देना तय हो गया था, लेकिन वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश की मांग पर रबी फसल के लिए 700 एमसीएम पानी देने पर सहमति बन गई थी। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 788 एमसीएम पानी देना तय कर दिया था। लेकिन यूपी सरकार ने जुलाई 2019 में 930 एमसीएम पानी मांग लिया था। जिसे मध्य प्रदेश ने इंकार कर दिया था।

मध्य प्रदेश का तर्क
सूत्रों का कहना है, मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग ने पानी की जरूरत की योजना में उल्लेख है कि रबी के सीजन में उत्तर प्रदेश को रबी 700 एमसीएम और खरीफ में 1000 एमसीएम पानी ही दिया जा सकेगा। इससे ज्यादा पानी देने पर मध्य प्रदेश में 4.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की मुश्किलें आएंगी। विभाग का कहना है कि परियोजना में जंगल, जमीन और वन्यप्राणियों के लिए रहवास क्षेत्र का नुकसान मध्य प्रदेश को वहन करना है, ऐसे में पानी पर ज्‍यादा हक उसका है।

केन बेतवा लिंक परियोजना
राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा देश में प्रस्तावित 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं में एक केन-बेतवा लिंक परियोजना भी है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 45 हजार करोड़ है, जिसका 90% केन्द्र सरकार वहन करेगी। इसमें मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश का बुन्देलखंड क्षेत्र शामिल है।
मध्य प्रदेश में छतरपुर व पन्ना जिलों के सीमा पर केन नदी पर मौजूदा गंगऊ बैराज के अपस्ट्रीम में 2.5 किमी की दूरी पर डोढ़न गांव के पास एक 73.2 मीटर ऊंचा ग्रेटर गंगऊ डेम प्रस्तावित है। कन्क्रीट की 212 किमी लंबी नहर द्वारा केन नदी का पानी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर स्थित बरुआ सागर में डाला जाना प्रस्तावित है।
2 बिजली प्रोजेक्ट भी शामिल
केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावाट है। संपर्क नहर के मार्ग में पड़ने वाले 6.45 लाख हेक्टेयर (1.55 लाख हेक्टेयर यूपी में एवं 4.90 लाख हेक्टेयर एमपी में) जमीन की सिंचाई के लिए 31,960 लाख घन मीटर पानी इस्तेमाल होगा। इससे घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए 120 लाख घन मीटर पानी प्रदान किया जाएगा।

आपसी बातचीत से 15 दिन में निकालें हल

बैठक में ईस्टर्न राजस्थान नहर परियोजना की सहयागेी पार्वती-कालीसिंध- चंबल लिंक परियोजना में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच पानी उपयोग को लेकर भी बातचीत हुई। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने निर्देश दिए कि 15 जनवरी से आगामी 15 दिनों में दोनों पक्ष निरंतर बातचीत कर हल निकालें। इस परियोजना की डीपीआर में प्रस्तावित बांध एवं बैराजों के लिए 50% पानी निर्भरता पर उपयोग की गणना की गई है। मध्यप्रदेश का कहना है कि इसे 75% पानी निर्भरता पर आकलन के आधार पर पुनरीक्षित किया जाए।

बता दें कि राजस्थान पार्वती- कालीसिंध नदी परियोजना के अंतर्गत मप्र की चंबल नदी इन नदियों में मिलती है। ऐसे में मप्र भी रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट बनने पर