भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कर्फ्यू लगाने के निर्णय के बारे में जानकारी दी। - Dainik Bhaskar
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कर्फ्यू लगाने के निर्णय के बारे में जानकारी दी।
अगले 24 घंटे तक इसी तरह सख्ती रहने की संभावना
यहां ना तो कुछ हटाया जा रहा और न ही बनाया जा रहा, सिर्फ बाउंड्रीवॉल बन रही
कोर्ट के फैसले के बाद भोपाल के हनुमानगंज, गौतम नगर और टीला जमालपुरा थाना क्षेत्र में अचानक कर्फ्यू लगाने पर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा-यह अचानक नहीं लगाया गया, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को देखते हुए योजना के तहत इसे लगाया गया। उन्होंने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि पुराने मामले में एक पक्ष के जमीन को लेने के कारण शांति भंग होने की आशंका बन रही थी।
लोगों को पहले से इसकी सूचना दी गई थी, ताकि वे जरूरत की चीजें ले लें। इसके साथ ही आवश्यक वस्तुओं और इमरजेंसी सेवाओं को इससे बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य, शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है। लोगों को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए। लवानिया ने कहा कि अभी कर्फ्यू लगा है। देर रात पुलिस प्रशासन से बात कर पूरी स्थिति का आंकलन करेंगे। उसके बाद स्थिति को देखते हुए आगे का निर्णय लिया जाएगा।
भास्कर : जमीन का पूरा विवाद क्या है?
कलेक्टर : निजी जमीन का यह पुराना विवाद है। एक पक्ष कोर्ट से केस जीत गया है। उन्हें जमीन का हक मिला है।
भास्कर : ऐसी क्या परिस्थिति बनी कि अचानक कर्फ्यू लगाना पड़ा?
कलेक्टर : अचानक नहीं योजना के तहत कर्फ्यू लगाया गया। लोगों को इसकी सूचना दी गई।
भास्कर : यह कर्फ्यू कब तक रहेगा?
कलेक्टर : हम स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। देर रात इस संबंध में पुलिस प्रशासन से बात कर आगे का निर्णय लेंगे।
भास्कर : क्या कर्फ्यू लगाना जरूरी था?
कलेक्टर : शांति व्यवस्था बनाए रखना हमारी पहली प्राथमिकता है। शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।
भास्कर : क्या यहां कोई निमार्ण कार्य हो रहा है?
कलेक्टर : यहां किसी तरह का ना तो कोई निर्माण कार्य हो रहा और ना ही कुछ हटाया जा रहा है। कोर्ट के फैसले के अनुसार पक्षकार को जमीन सौंपी जा रही है। यहां पर सिर्फ उसके तहत बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है।
भास्कर : यह कितनी जमीन का मामला है?
कलेक्टर : यह करीब 30 हजार वर्ग फीट जमीन है। इसमें सिर्फ खाली पड़ी जमीन पर कब्जा दिया जा रहा है। इसके अलाव जितनी जमीन पर कुछ बना है, उसे हटाया नहीं जा रहा है। उसे सिर्फ कबर्ड कर दिया गया है, ताकि किसी तरह के विवाद की स्थिति ना रहे।