रामलीला देखने के लिए सोशल डिस्टेंस बना रहे दर्शक: फोटो: सीताराम मालवीय
रावण दहन कल, 45 की जगह 30 फीट होगा पुतला
रामलीला मैदान में वैसे करीब 10000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस के साथ 2500 से 3000 की संख्या तक श्रद्धालु स्टेडियम में बैठकर रामलीला देख रहे हैं।
रामलीला समिति के सेक्रेटरी राजीव शर्मा बताते हैं कि रामलीला के कलाकार भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे प्रसंगों में बदलाव किया गया जिनमें एक –दूसरे को स्पर्श करना पड़ता था। जैसे कि 19 को भरत मिलाप के मंचन में रामजी एवं भरतजी के बीच आलिंगन नहीं हुआ। हर साल 14 जनवरी से लेकर 7 फरवरी तक कुल 27 दिनों की रामलीला होती थी लेकिन इस बार सिर्फ 12 दिन ही हो रही है।
नागपाश को काटने पहली बार गरुड़ बने सुशील रोप-वे से आए
शुक्रवार को अतिकाय, कुंभकर्ण और मेघनाद के वध की लीला का मंचन किया गया। लीला में जब मेघनाद राम-लक्ष्मण को नागपाश में बांध देता है। हनुमान बने हेमंत चौबे पक्षीराज गरुड़जी को लेने बैकुंठ पहुंचते हैं।
जहां से गरुड़ भगवान भी बिना देर किए उनके साथ राम-लक्ष्मण को बचाने पहुंचे और नागपाश को काटकर राम-लक्ष्मण को मुक्त कराया। इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि गरुड़ बने सुशील भार्गव रोपवे के माध्यम से उड़ते नजर आए। युद्ध में लक्ष्मण के बाणों से मेघनाद का वध होता है। हर साल 45 फीट तक का पुतला जलता था, लेकिन इस बार 30 फीट का ही पुतला तैयार किया है। रावण दहन कल होगा।