किसान नहीं ले रहे रुचि, 1046 क्विंटल चना की ही हो पाई खरीदी
इस बार चना, मसूर और गेहूं की फसलों को पहले ताला-तुषार और फिर ओला-बारिश व आंधी की चपेट में आने से नुकसान पहुंचा है। इसका असर फसल कटाई पर भी पड़ा है। फसल कटने में देरी होने से समर्थन मूल्य केंद्र भी जैसी खरीदी होना चाहिए, वह अब तक नहीं हो पाई है। हालांकि किसान सोमवार के बाद गेहूं खरीदी में तेजी आने की बात कर रहे हैं। एक अप्रैल से जिले भर में 165 केंद्रों पर गेहूं की खरीदी प्रारंभ हुई है, जिनमें 55 केंद्र वेयर हाउस और 6 केंद्र सायलो बेग वाले भी शामिल है। इन केंद्रों पर 9 दिन में सिर्फ 4707 किसान ही अपना गेहूं बेचने के लिए पहुंचे हैं, जिनके द्वारा 44600 टन गेहूं बेचा गया है। इसमें से 31690 टन गेहूं का परिवहन भी हो गया है, जबकि 12910 टन गेहूं अभी परिवहन के अभाव में केंद्रों पर ही रखा हुआ है।
9 दिनों में एक भी किसान को नहीं हुआ भुगतान
जिले के 4707 किसान समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेच चुके हैं, लेकिन इन किसानों को 9 दिन बाद भी राशि का भुगतान नहीं हो पाया है, जबकि प्रशासन द्वारा 3 से 7 दिनों के भीतर भुगतान करने का दावा किया गया था।
125 किसानों ने ही 1046 क्विंटल चना बेचा
जिले भर में चना और मसूर की खरीदी के लिए 46 केंद्र बनाए गए है, लेकिन अब तक 17 केंद्रों पर ही चना की खरीदी हुई है। इन केंद्रों पर 125 किसान ही चना बेचने के लिए पहुंचे हैं, जिनके द्वारा 1046 क्विंटल चना बेचा है। शासन ने चना और मसूर का समर्थन मूल्य 5100 रुपए प्रति क्विंटल रखा है, जबकि व्यापारी किसान के घर से ही 5 हजार से अधिक दाम पर चना खरीद रहा है। इस कारण किसान अपना माल घर से ही व्यापारियों को बेच रहे हैं, जिससे भाड़े से भी मुक्ति मिल गई है।
1 करोड़ 19 लाख की राशि जारी हो गई है
^केंद्रों पर गेहूं बेचने वाले किसानों के लिए एक करोड़ 19 लाख की राशि जारी हो गई है, जो सोमवार-मंगलवार तक किसानों के खातों में पहुंच जाएगी। फसल लेट कटने के कारण खरीदी अभी गति नहीं पकड़ पाई है, लेकिन अब फसल कट गई और सोमवार से इसमें तेजी आ जाएगी।
-विवेक रंगारी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, रायसेन।
17 खरीदी केंद्रों पर ही आया है चना बिकने
^चना और मसूर की खरीदी के लिए जिले भर में 46 केंद्र बनाए है, लेकिन अब तक 17 केंद्रों पर ही चना बिकने के लिए आया है। ऐसा पता चला कि व्यापारी किसान के घर से ही 5 हजार से अधिक के भाव से चना खरीद रहे है।
-एनके जैन, डीएमओ, रायसेन।