हटा में हारट भदभदा के पास बड़े स्तर पर रेत का अवैध खनन प्रारंभ हो गया है। यहां पर लोग ट्राॅलियां नदी में खड़ी करके रेत का खनन करने में लगे हैं। जिला खनिज अधिकारी न होने की वजह से माफिया भी बैखोफ खुदाई करने में लगे हैं। दरअसल सुनार नदी पर स्थित इस स्थल पर झरना होने की वजह से काफी मात्रा में रेत एकत्रित हो रही है। जिसकी खुदाई करने के लिए दिन दहाड़े माफिया ट्रैक्टर और ट्राॅलियां लगाकर रेत का खनन कर रहे हैं।
भास्कर ने पड़ताल की तो मौके पर दो ट्राॅलियां रेत का खनन करते हुए मिलीं। कुछ इसी तरह की स्थिति नरसिंहगढ़ के पास भी सुनार नदी में बनी हुई है। इस नदी से भी रेत का खनन बड़े स्तर पर किया जा रहा है। जबकि पथरिया रोड पर स्थित व्यारमा और सुनार नदी पर ट्राॅलियां नदी में उतार कर मजदूरों से रेत निकलवाई जा रही है। पिछले एक सप्ताह से माफिया सक्रिय हो गए हैं। दरअसल रेत के अवैध खनन और परिवहन को लेकर न्यायालय के सख्त रुख के बाद भी माफिया बेखौफ है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एक जुलाई से 30 सितंबर 2020 तक नदियों से रेत खनन पर रोक लगाई है। इसके बाद भी जिले में आधा दर्जन से ज्यादा स्थानों पर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। अब फिर से रेत माफिया सक्रिय हैं। खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि उनका स्थानांतरण हो गया है और उन्होंने पन्ना ज्वाइन कर लिया है। ऐसी स्थिति में फिलहाल दमोह में खनिज अधिकारी का चार्ज एक डिप्टी कलेक्टर को दिया गया है। ऐसी स्थिति में जमीन स्तर पर रेत खनन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।