भोपाल3 घंटे पहले
शनिवार से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही हैं, कोरोना को देखते हुए माता के दरबार खुलेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं को सावधानी भी बरतनी होगी।
अधिक मास खत्म हो गया है और शारदीय नवरात्र आज यानि शनिवार से शुरू हो रही है। कोरोना होने के बाद भी सरकार ने मंदिरों को खोलने और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी कर दिए हैं। एहतियात के साथ माता के दरबार खुलेंगे। राजधानी में भोपाल में पंडाल सज गए हैं। लोगों ने देवी प्रतिमाओं को ले जाने से पहले आरती की।
सरकार के आदेश के मुताबिक, कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा। इसकी व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन को ही करनी होगी। मध्य प्रदेश में तीन प्रमुख शक्तिपीठ मैहर, सलकनपुर और देवास में उमड़ेगी भक्तों की भीड़, लेकिन प्रांगण में 200 से ज्यादा श्रद्धालु नहीं रुक सकेंगे। कोविड प्रोटोकॉल के पालन की जिम्मेदारी मंदिर प्रबंध समिति और व्यवस्थापक को दी गई है।
नवरात्र उत्सव के लिए विट्ठल मार्केट की झांकी में शासन की गाइडलाइन के विरुद्ध पंडाल बनाया गया है, जिसमें एक तरफ से अंदर जाने का और दूसरी तरफ से बाहर निकलने का रास्ता है, जबकि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक, कोई भी पंडाल बंद नहीं बनाया जाएगा। इधर, शुक्रवार को हबीबगंज स्थित मूर्तिकारों के यहां से मां भगवती की प्रतिमा ले जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग आए। प्रतिमा ले जाने के पहले आरती की गई।
हबीबगंज में मूर्तिकारों के यहां से मां भगवती की प्रतिमा ले जाते हुए भक्त। इसके पहले देवी मां की आरती की गई।
सलकनपुर, मैहर और देवास की चामुंडा माता मंदिर समितियां मंदिर नहीं खोलना तय कर चुकीं थी
छह दिन पहले सलकनपुर मंदिर प्रबंध समिति ने बैठक कर फैसला लिया था कि काेराेना संक्रमण काे देखते हुए नवरात्र में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। चूंकि, नवरात्र में भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। इसलिए यह फैसला आम सहमति से से लिया जा रहा है। इसी तरह, चामुंडा देवी मंदिर देवास में मंदिर खुले रखने का फैसला किया था, लेकिन भंडारे और गरबा जैसे आयोजन पर पाबंदी रखी थी। मैहर वाली माता मंदिर भी नवरात्र में श्रद्धालुओं के लिए बंद रखने का फैसला मंदिर समिति ले चुकी थी।