चरणतीर्थ के पास बेतवा नदी का स्वरूप मंगलवार की सुबह बदला हुआ सा नजर आया। पुराने चरणतीर्थ पुल से लेकर मुक्तिधाम के पास बने छोटे पुल तक बेतवा के पानी पर जलकुंभी बिछी हुई थी, जो कि किसी घास के हरे मैदान जैसी दिखाई दे रही थी। ये जलकुंभी भोपाल तरफ से बहकर यहां तक पहुंची है।
भोपाल ननि प्रशासन की लापरवाही भोपाल के तालाबों की साफ-सफाई के दौरान नगर निगम प्रशासन द्वारा निकलवाई गई यह जलकुंभी लापरवाही पूर्वक बेतवा में छोड़ी जाती है। इससे बेतवा का पानी भी प्रदूषित होता है। सोमवार की देर रात में बहकर आई यह जलकुंभी चरणतीर्थ घाट की खूबसूरती को बिगाड़ रही है।
12 साल से लगातार ऐसा ही हो रहा है: मनोज मंगलवार की सुबह मुक्तिधाम पर पहुंचे समिति के सदस्यों ने जलकुंभी देखकर अपने स्तर पर ही श्रमदान किया। समिति सदस्यों ने काग उद्यान के पास से नदी में से कुछ हद तक जलकुंभी को निकालने का प्रयास किया। मुक्तिधाम सेवा समिति के सचिव मनोज पांडे ने बताया कि बीती रात बहकर आई जलकुंभी बड़ी मात्रा में नदी में फैली हुई है। पिछले 12 साल से लगातार ऐसा ही हो रहा है।