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मिडिल स्कूलों में फिर बजी घंटी, उत्साहित हुए विद्यार्थी

शासन ने 6 से 8 तक की कक्षाओं को प्रारंभ कर दिया है। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या में विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन रौनक लौट आई है। स्कूलों में घंटी बजने व चहल-पहल से विद्यार्थी व स्टाफ उत्साहित हैं। 50 फीसद उपस्थिति के साथ बच्चों को एक बेंच पर एक बिठाया जा रहा है। स्कूल खुलने से बच्चों में खासा उत्सा | 06-Sep-2021
शासन ने 6 से 8 तक की कक्षाओं को प्रारंभ कर दिया है। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या में विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन रौनक लौट आई है। स्कूलों में घंटी बजने व चहल-पहल से विद्यार्थी व स्टाफ उत्साहित हैं। 50 फीसद उपस्थिति के साथ बच्चों को एक बेंच पर एक बिठाया जा रहा है। स्कूल खुलने से ...

शासन ने 6 से 8 तक की कक्षाओं को प्रारंभ कर दिया है। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए कम संख्या में विद्यार्थी स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन रौनक लौट आई है। स्कूलों में घंटी बजने व चहल-पहल से विद्यार्थी व स्टाफ उत्साहित हैं। 50 फीसद उपस्थिति के साथ बच्चों को एक बेंच पर एक बिठाया जा रहा है। स्कूल खुलने से बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। बच्चों का कहना है कि घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पा रही थी। स्कूल आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है। शिक्षकों का कहना है कि डेढ़ साल से बच्चों को ऑनलाइन या व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ा रहे थे लेकिन अच्छा नहीं लग रहा था अब डेढ़ साल बाद पढ़ाने का मौका मिला है जिस तरह बच्चों में स्कूल आने का उत्साह है उसी तरह हम सब को भी पढ़ाने में मजा आ रहा है। निजी स्कूल में जाकर देखा कि एक बेंच पर केवल एक बच्चे को बिठाया गया है स्कूल प्राचार्य अंकुर श्रीवास्तव बताते हैं कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए 50 फ़ीसदी उपस्थिति रखी गई है। बच्चों के पालको से सहमति पत्र लिया गया है। साथ में शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए समझाइश दी गई है। यदि किसी बच्चे को बुखार है या स्कूल आने में समस्या है तो शिक्षक उन्हें घर जाकर या वीडियो कॉल के माध्यम से उनकी समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं। हमारा प्रयास है कि कोई भी छात्र अपनी पढ़ाई से वंचित ना रह सके।

 

डेढ़ साल बाद खुले स्कूल

कोरोना संक्रमण के कारण डेढ़ साल बाद स्कूल खुले हैं। पालकों से सहमति पत्र लिखवा कर लाने के बाद ही विद्यार्थियों को कक्षाओं में बिठाया जा रहा है। स्कूल संचालक विद्यार्थियों को सैनिटाइजर, मास्क लगाकर आने के निर्देश दे रहे हैं। सभी शासकीय और अशासकीय स्कूलों में 25 से 30 फीसद उपस्थिति है। बच्चों को मास्क, सैनिटाइजर, पानी की बोतल और लंच बॉक्स लेकर ही स्कूल भेजा जा रहा है।

 


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