शहर में शुक्रवार को डेंगू के 13 नए मरीज मिले। इनके सहित अब तक 563 मरीज हो चुके हैं। वर्तमान में 20 एक्टिव केस हैं जबकि 18 मरीज एडमिट हैं। अब तक एक महिला की मौत हुई है। खास बात यह कि पिछले एक माह से मंदसौर, महू, रतलाम सहित आसपास के जिलों के डेंगू के मरीज भी काफी संख्या में इंदौर आ रहे हैं और भर्ती भी हुए हैं। इसके चलते एमवायएच के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स यूनिट इन मरीजों को उपलब्ध कराई गई है। एक माह में 500 से ज्यादा प्लेटलेट्स यूनिट मरीजों को उपलब्ध कराई गई हैं और उन्हें एक प्रकार से जीवनदान मिला है यह संख्या सामान्य दिनों की तुलना में ज्यादा है।
दरअसल, इतनी ज्यादा संख्या में प्लेटलेट्स यूनिट की मांग बढ़ने का खास कारण डेंगू तो है ही लेकिन नीमच, मंदसौर, रतलाम, महू, शाजापुर, बड़वाह, सनावद सहित आसपास के छोटे शहरों में प्लेटलेट्स आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती। इसके चलते इन शहरों के मरीज इंदौर की ओर रुख कर रहे हैं। वैसे प्राइवेट हॉस्पिटलों में भी रोजाना 20 से ज्यादा प्लेटलेट्स यूनिट मरीजों को चढ़ाई जा रही है। एमवायएच ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अशोक यादव ने बताया कि इंदौर में डेंगू के मरीज तो बढ़े ही हैं, आसपास के जिलों के डेंगू मरीजों के इंदौर में इलाज कराने से भी प्लेटलेट्स यूनिट काफी ज्यादा लग रही है। हालांकि अस्पताल में डेंगू के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज में भी प्लेटलेट्स की जरूरत बनी रहती है।
उधर, शुक्रवार को पल्हर नगर, श्री वैली, चौधरी पार्क कॉलोनी, बाला स्काय (निपानिया), लिंबोदी, नरिमन पाइंट, शांति निकेतन, स्कीम 74, महालक्ष्मी नगर, बाबजी नगर, इंडस सेटेलाइट में डेंगू के 13 मरीज मिले। मलेरिया विभाग व नगर निगम की टीमों द्वारा जिन रहवासी क्षेत्रों में डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं, उनके अलावा शॉपिंग माल्स, क्लब, होटलों के गमलों, पार्किंग की गंदगी के साथ अस्पतालों में भी लार्वा सैंपल लेने के साथ छिड़काव कर रही है।
हाल ही में टीमों को कुछ स्थान ऐसे मिले जहां मकान परिसर व बाहर न तो पानी जमाव मिला और न ही गंदगी। ऐसे में ये लोग कैसे चपेट में इसे लेकर अलग-अलग बिंदुओं पर अध्ययन किया गया। इसके तहत यह बात सामने आई कि सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, शॉपिंग माल्स, क्लब, होटलों के परिसर, पोर्च, पार्किंग आदि में रखे गमलों व वाहनों में गंदगी होने से भी डेंगू कारण बन रहा है। इसके चलते अब टीमें नियमित इन स्थानों पर लार्वा सैंपल लेने के साथ छिड़काव कर रही है।
बरसात का पानी भी जमा नहीं होने दें
- जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि डेंगू जमे हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों के काटने से होता है जबकि डेंगू एडीज इजिप्टी (मादा मच्छर) के काटने से फैलता है। यह बुखार मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है। यह स्थिति तब बनती है घरों में या आसपास एक ही स्थान पर बहुत दिनों से पानी जमा हो। जैसे कूलर, वॉश एरिया, सिंक, गमलों आदि भी कई बार पानी जमा रहता है जो डेंगू का कारक बनता है।
- लोगों से अपील की गई है कि हाल ही में बारिश हुई है जिससे घरों के आसपास कई स्थानों पर पानी जमा हो जाता है। इसे भी जमा नहीं होने दें और निकासी का प्रबंध करें।
- एडीज मच्छर पानी जमाव होने की स्थिति में सक्रिय हो जाते हैं। इन मच्छरों की प्रकृति यह है कि ये दिन में ही काटते हैं।
- फिर कुछ समय बाद इसकी चपेट में आए लोगों को तेज बुखार, शरीर पर लाल चकत पड़ना, सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन आदि लक्षण दिखते हैं।
- ऐसे में संबंधित व्यक्ति को तुरंत डॉक्टरों को दिखाना चाहिए। इसके बाद ब्लड टेस्ट में इसकी जांच होती है जिसमें पुष्टि होती है कि उसे डेंगू है या दूसरी बीमारी।
बचाव के ये तरीके भी
- मच्छरों को दूर रखने के लिए मच्छर भगाने वाले रिपेलेंट, क्रीम, कॉइल और स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- खिड़की और दरवाजों को सुरक्षित करें या यदि आवश्यक हो तो मच्छरदानी का उपयोग करें।
- यदि संभव हो तो एयर कंडीशनिंग घर के अंदर इस्तेमाल करें।