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बिना मंत्री पद चुनावी मैदान में:सिलावट और राजपूत कल इस्तीफा देंगे, अब ना भत्ता मिलेगा, ना ड्राइवर और गनमैन साथ होंगे; क्योंकि दोनों ही 6 महीने से विधानसभा के सदस्य नहीं हैं

https://www.bhaskar.com/ | 21-Oct-2020
बिना मंत्री पद चुनावी मैदान में:सिलावट और राजपूत कल इस्तीफा देंगे, अब ना भत्ता मिलेगा, ना ड्राइवर और गनमैन साथ होंगे; क्योंकि दोनों ही 6 महीने से विधानसभा के सदस्य नहीं हैं इंदौर17 घंटे पहले गोविंद सिंह राजपूत सुरखी और तुलसी सिलावट सांवेर से अपनी परंपरागत सीटों से उप चुनाव लड़ रहे हैं।  ...

बिना मंत्री पद चुनावी मैदान में:सिलावट और राजपूत कल इस्तीफा देंगे, अब ना भत्ता मिलेगा, ना ड्राइवर और गनमैन साथ होंगे; क्योंकि दोनों ही 6 महीने से विधानसभा के सदस्य नहीं हैं

इंदौर17 घंटे पहले

गोविंद सिंह राजपूत सुरखी और तुलसी सिलावट सांवेर से अपनी परंपरागत सीटों से उप चुनाव लड़ रहे हैं। 

  • तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने 21 अप्रैल को मंत्री पद की शपथ ली थी, गैर विधायक अधिकतम छह माह मंत्री रह सकते हैं
  • उपचुनावों में सिंधिया समर्थक 11 मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर, 3 नवंबर को वोटिंग, दोनों बगैर मंत्री चुनाव मैदान में होंगे

 

मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने वाली 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। लेकिन ऐसा पहली बार है, जब 14 मंत्री उपचुनाव लड़ रहे हैं। नियमों के अनुसार, मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का कार्यकाल 20 अक्टूबर यानी मंगलवार को समाप्त हो रहा है। ऐसे में कल से ये दोनों बगैर मंत्री पद के चुनावी मैदान में होंगे। सांवेर से भाजपा प्रत्याशी सिलावट और सुरखी से राजपूत के इस्तीफे के साथ ही उनकी सभी सुविधाएं छिन जाएंगी। ऐसे में वे अब कांग्रेस प्रत्याशियों जैसे सामान्य उम्मीदवार होंगे। दरअसल, सिलावट और राजपूत ने कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद 21 अप्रैल को भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी।

सिलावट सांवेर से हैं चुनाव मैदान में
नियमों के अनुसार, कोई भी ऐसा व्यक्ति 6 माह से ज्यादा समय मंत्री नहीं रह सकता है, जो विधानसभा का सदस्य न हो। ऐसे में 21 अक्टूबर को दोनों मंत्रियों की यह समय-सीमा समाप्त हो जाएगी। इस समय-सीमा में उपचुनाव की प्रक्रिया भी पूरी नहीं होगी। गोविंद सिंह राजपूत सागर जिले की सुरखी और तुलसी सिलावट इंदौर जिले की सांवेर से अपनी परंपरागत सीटों से उप चुनाव लड़ रहे हैं।

10 मार्च को 22 विधायकों ने दिया था इस्तीफा
सिंधिया के समर्थन में 10 मार्च को 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण कमलनाथ सरकार गिर गई थी और चौथी बार शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शिवराज ने 28 दिन बाद 21 अप्रैल को मंत्रिमंडल का गठन किया था, इसमें सिंधिया खेमे के तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी।