माैसम की मार:पहले बाढ़, अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान अब फिर बारिश से भीगी धान, दागी होगा दाना
रायसेन6 घंटे पहले
बाढ़ और अतिवृष्टि से खरीफ की फसलें खराब होने से किसान पहले ही दुखी थे अब रही कसर सोमवार-मंगलवार की रात की रात आई बारिश ने पूरी कर दी। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है। इन दिनों धान की कटाई चल रही है। खेतों में दर्जनों मजदूर सुबह से शाम तक धान की फसल की कटाई में जुटे हैं। ऐसे में रात में हुई बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। खेतों में कटी कटी रखी धान की फसल भीग गई। हालांकि एक फायदा यह रहा कि रबी की बाेवनी के लिए खेतों में नमी आ गई है। मऊ पथरई के किसान इमरत सिंह ने एक दिन पहले ही तीन एकड़ की धान की फसल को कटवा कर खेत में रखी थी, लेकिन रात में हुई बारिश से यह फसल भीग गई है। किसान इमरत सिंह का कहना है कि धान की फसल भीगने से चावल दाने की चमक चली जाएगी, जिससे अब अच्छे भाव नहीं मिल पाएंगे। किसान मांगीलाल ने बताया कि फसल कटाई के बाद फसल खलिहान पर रखी थी। बारिश के कारण अब उसे भी नुकसान उठाना पड़ेगा।
मौसम में आगे क्याः तीन दिन तक रहेगा ऐसा ही मौसम
मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि अभी तीन दिन तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। कहीं-कहीं पर बारिश होने के आसार है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24 डिग्री दर्ज हुआ है। बारिश होने के बाद अब रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। यह गिरावट 7 से 8 डिग्री सेल्सियस की हो सकती है।
फायदा ः रबी की बाेवनी के लिए मिलेगी नमी
नवरात्र की स्थापना के साथ ही किसान खेतों में रबी की फसल की बुआई शुरू हो गई हैं। ऐसे में यह बारिश रबी की फसल के लिए उपयोगी साबित होगी। इस बारिश से खेतों में नमी व आर्द्रता बढ़ेगी। इससे बीज के अंकुरित होने में मददगार साबित होगा।
नुकसान ः धान की चमक फीकी पड़ेगी
खरीफ की फसल खेतों में पड़ी है। इसके चलते बारिश से कटी हुई रखी धान की फसल भीग गई। इससे धान का दाने की चमक चली जाएगी। इससे बाजार में अच्छे भाव नहीं मिलेंगे। ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान होगा।
नाॅलेज ः तापमान गिरने पर हो सकेगी बोवनी
बारिश को देखते हुए किसान भी अलर्ट हो गए हैं। अभी रात का तापमान अधिक होने के कारण बोवनी नहीं कर पा रहे थे। अब रात का तापमान गिरेगा। इसलिए किसान अब बोवनी की तैयारी में जुट गए है। तापमान में ठंडक होने पर बोवनी करना उचित होता है।
इसलिए बदला मौसमः बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवात से हो रही बारिश
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवातीय परिसंचरण तंत्र को अरब सागर से आ रही हवाओं से काफी मात्रा में नमी मिली है। इसके फलस्वरूप दक्षिण भारत में कई जगह भारी बारिश हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी से आए साइक्लोनिक सर्कुलेशन ने पश्चिम में आगे बढ़ते हुए सागर से आ रही नमी के साथ काफी इंटरेक्ट किया। इस कारण सिस्टम कमजोर तो रहा, लेकिन काफी मात्रा में पानी बरसा। यह इंटरेक्शन एल शेप में होता है। इस वजह से मुंबई, पुणे सहित महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश हुई। अरब सागर से आ रही इन हवाओं के कारण रायसेन और उसके आसपास के गांवों में सोमवार की रात में बारिश हुई है।
क्वालिटी में आएगा अंतर
^जहां पर धान की फसल पक चुकी है या कट कर खेतों में रखी है । उस फसल पर बारिश का पानी लगने से उसकी क्वालिटी प्रभावित होगी, मगर किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। बारिश में भीगने से धान के रेट किसानों को कम मिल सकते है।
- दुष्यंत सिंह धाकड़, सहायक संचालक कृषि रायसेन