हमीदिया अस्पताल में आग लगने के बाद अब तक 8 बच्चों के शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। दो ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें बिना पीएम के ही परिजन को सौंप दिया गया। मैनेजमेंट ने हादसे में अब तक 4 बच्चों की मौत की ही पुष्टि की है। शिवानी, इरफाना, शाजमा, रचना के बच्चों की मौत रात में ही हो गई थी। इनकी चारों मौतों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, आज प्रभा, महरू, तरन्नुम, राहुल प्रजापति, रीना व ऊषा के बच्चों के शव भी सामने आए। अभी तक मैनेजमेंट ने हादसे में इन मौतों को स्वीकार नहीं किया है। पोस्टमॉर्टम कराने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं, हादसे पर पूर्व सीएम उमा भारती का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि कार्रवाई कर शिवराज राजधर्म निभाएं।
हमीदिया हादसे पर मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य तथा हमीदिया अस्पताल अधीक्षक से एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट मांगी है।
हमीदिया अस्पताल पहुंचे पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार आंकड़े छिपाने का खेल खेल रही है। मेरी मांग है कि हाईकोर्ट जज इसकी जांच करें। अभी जांच वो कर रहे हैं, जो खुद दोषी हैं। कमलनाथ करीब आधे घंटे अस्पताल में रुके। इधर, यह भी खबर आ रही है कि 10 में से 6 बच्चों की मौत अन्य कारण से हुई है।
इससे पहले अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान मंगलवार सुबह हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे की जांच की जिम्मेदारी सुलेमान को दी है। वे 20 मिनट तक ही यहां रहे। उनके साथ गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन भी थे। CM शिवराज भी हमीदिया आ सकते हैं।
परिजनों का दावा है कि 4 बच्चों की मौत की जानकारी सरकार की ओर से दी गई है, लेकिन आंकड़े इससे ज्यादा हैं। उनका कहना है कि रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह तक अस्पताल मैनेजमेंट ने कई परिजन को उनके बच्चों की मौत की खबर दी है। ऐसे में आंकड़ा बढ़ सकता है। परिजन के आरोप पर मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि चार बच्चों की ही मौत हुई है, बाकी का बेहतर इलाज चल रहा है।