प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर दिया हो, लेकिन किसान अभी अपने खेतों की तरफ लौटने के मूड में नहीं हैं। कल यानी 22 नवंबर को लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की महापंचायत होगी। इसमें देशभर के किसान और उनके नेता पहुंचेंगे। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत के बाद यह दूसरी बड़ी महापंचायत कही जा रही है।
अब किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बिजली संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को कैसे घेरा जाए, इस पर आंदोलन आगे ले जाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसलिए लखनऊ की महापंचायत अहम मानी जा रही है। आज ही वेस्ट यूपी के जिलों से किसान लखनऊ के लिए कूच करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान आंदोलन चलता रहेगा, लखनऊ में 22 नवंबर को तय होगा की आगे की रणनीति क्या है?
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष 14 महीने से चल रहा है। किसान एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।
दैनिक भास्कर ने राकेश टिकैत से बातचीत की, उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी...
सवाल: कृषि कानून वापस ले लिए गए तो अब आंदोलन क्यों?
प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। देशभर के किसान जो लड़ाई लड़ रहे हैं वह अभी जारी रहेगी। लिखित में कुछ नहीं हुआ। किसान ऐसे ही हटने वाले नहीं हैं। अभी लड़ाई लंबी है।
सवाल: अब लखनऊ की क्या तैयारी है?
लखनऊ के लिए पूरी तैयारी है, लखनऊ में ही तय होगा की आगे की क्या तैयारी है। संयुक्त किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा उसी के अनुसार आगे की लड़ाई लड़ी जाएगी। लखनऊ में सभी जगह से लोग किसान महापंचायत में शामिल होंगे।
सवाल: किसान आंदोलन की आगे की क्या स्थिति है?
किसान आंदोलन चलता रहेगा। यह कानून संसद में खत्म होंगे, उसके बाद आंदोलन को लेकर तय किया जाएगा। किसान आंदोलन चलता रहेगा, पूरी ताकत के साथ चलेगा। देश आंदोलन में साथ है।
सवाल: किसान आंदोलन में आगे महत्वपूर्ण क्या है?
किसान आंदोलन में अभी सब महत्वपूर्ण है। MSP पर बात करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा जो भी निर्णय लेगा उसी के आधार पर आगे तैयारी की जाएगी। अभी किसानों के बहुत मुद्दे हैं, जिनके लिए आंदोलन रहेगा।
22 नवंबर को पूरी ताकत दिखाने की तैयारी में
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का संघर्ष 14 महीने से चल रहा है। किसान एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि कृषि कानून हम कुछ लोगों को समझा नहीं पाए। इसलिए हम उन्हें वापस ले रहे हैं। बावजूद इसके किसान आंदोलन पर डटे हुए हैं। अब 22 नवंबर को लखनऊ में ईको गार्डन (पुरानी जेल) बंगला बाजार में किसान महापंचायत की तैयारी चल रही हैं। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान महापंचायत होगी। जिसमें किसान संगठनों के नेता, भाकियू के नेता भी इसमें शामिल होंगे।
इस महापंचायत के लिए लखनऊ व आसपास के जिलों के किसानों के अलावा वेस्ट यूपी के किसान भी शामिल होंगे। जिसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, पीलीभीत और अन्य जिलों के किसान पहुंचेंगे। इसके लिए भारतीय किसान यूनियन के सभी जिलों के जिलाध्यक्षों को यह जिम्मेदारी दी गई है की किसान अधिक से अधिक संख्या में लखनऊ पहुंचे।