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धान तुलाई में भ्रष्टाचार: अनाज व्यापारियों और कृषि उपज मंडी‎ समिति की मिलीभगत से किसानों को 2 करोड़ रुपए की चपत‎

www.bhasker.com | 13-Jan-2022
किसानों को धान की तुलाई के नाम पर करोड़ों रुपए घाटा देने की बानगी शहर की कृषि उपज मंडी में देखिए‎ सबसे बड़ी पड़ताल } सीजन में 10.25 लाख क्विंटल धान की तुलाई में प्रति क्विंटल 800 ग्राम अधिक तौलकर किसानों की धान में किया घपला‎ अनिल तिवारी। रायसेन‎ किसानों को धान की तुलाई के नाम पर‎ किस तरह से करोड़ों ...

किसानों को धान की तुलाई के नाम पर करोड़ों रुपए घाटा देने की बानगी शहर की कृषि उपज मंडी में देखिए‎
सबसे बड़ी पड़ताल } सीजन में 10.25 लाख क्विंटल धान की तुलाई में प्रति क्विंटल 800 ग्राम अधिक तौलकर किसानों की धान में किया घपला‎

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अनिल तिवारी। रायसेन‎ किसानों को धान की तुलाई के नाम पर‎ किस तरह से करोड़ों रुपए की चपत लगा‎ दी गई, इसकी बानगी शहर की कृषि उपज‎ मंडी में देखिए। यहां कृषि उपज मंडी‎ समिति और अनाज व्यापारियों की मिली‎ भगत से किसानों की धान तय मात्रा से‎ अधिक तौलकर 2 करोड़ रुपए कीमती‎ धान की चपत लगा दी गई। यह तो सिर्फ‎ एक सीजन की राशि है। कृषि उपज मंडी‎ सचिव की ही मान ली जाए तो 55 किलो‎ की भर्ती में 56 किलो 200 ग्राम धान की‎ तुलाई की यह व्यवस्था वर्ष 2017 से‎ चली आ रही हैं।‎ शहर की कृषि उपज मंडी में धान के इस‎ सीजन में 10 लाख 25 हजार 502‎ क्विंटल धान की खरीदी हुई है। भास्कर की‎ सबसे बड़ी पड़ताल में इस खरीदी में प्रति‎ क्विंटल 800 ग्राम धान का घपला कृषि‎ उपज मंडी समिति और अनाज व्यापारियों‎ की मिली भगत से किया जाना सामने आया‎ है। धान तुलाई में 800 ग्राम मात्रा भले ही‎ आपको कम लगती हो पर इस सीजन में‎ 800 ग्राम के हिसाब से 8 हजार 204‎ क्विंटल धान का घपला हुआ है। प्रति‎ क्विंटल धान की औसत कीमत 2500‎ रुपए ही मान ली जाए तो यह घोटला 2‎ करोड़ रुपए पर पहुंचता है। शहर की कृषि‎ मंडी में अनाज व्यापारियों के जो तौलकांटे‎ चल रहे हैं उन पर 200 ग्राम बारदानें के‎ नाम पर और 200 ग्राम धान वेस्टेज होने‎ के नाम पर किसानों से अधिक तौली जा‎ रही है। 400 ग्राम धान का घपला 55‎ किलो की भर्ती वाली तुलाई पर है। इतने‎ वजन के लिए 56.200 किग्रा की तौल की‎ जाती है। इस तरह से एक क्विंटल धान पर‎ कृषि उपज मंडी समिति और अनाज‎ व्यापारियों की मिली भगत से प्रति क्विंटल‎ 800 ग्राम धान का घपला खुले आम हर‎ तौलकांटे पर किया जा रहा है।‎ ‎
सवाल: नापतौल विभाग ने निरीक्षण क्यों नहीं किया‎ कृषि उपज मंडी में धान की अधिक तुलाई को लेकर नापतौल विभाग पर‎ भी सवाल उठ रहे हैं। एक बार सरकारी प्रक्रिया के तहत तौलकांटों में‎ सील लगाने के बाद नापतौल विभाग के निरीक्षकों ने मुड़ कर भी नहीं‎ देखते । इस संबंध में जब नापतौल निरीक्षक जेके भावसार से सवाल‎ पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्होंने धान के इस सीजन में मंडी में‎ एक बार भी निरीक्षण नहीं किया। जबकि मंडी भोपाल रोड पर स्थित है।‎
मिलीभगत के फार्मूले के‎ तहत धान तुलाई में इस‎ तरह से बड़ा घपला किया‎ रायसेन कृषि उपज मंडी के‎ अनाज व्यापारी हर तौल‎ कांटे पर तय फार्मूले के तहत‎ पूरे सीजन से धान की तुलाई‎ करते आ रहे हैं। एक तो‎ बारदाने के नाम पर 400‎ ग्राम और इतने ही वजन की‎ धान की तुलाई भी अधिक‎ की जा रही है। इस तरह से‎ प्रति क्विंटल 800 ग्राम धान‎ किसानों से अधिक ली जा‎ रही है। जिसकी उन्हें कीमत‎ नहीं मिलती। एक बारदाने के‎ वजन के नाम पर और दूसरा‎ धान की वेस्टेज के नाम पर‎ किसानों से धान की तुलाई में‎ घपला किया जा रहा है।‎
कृषि उपज मंडी में कब‎ कितनी धान की तुलाई‎ महीना धान की तुलाई‎ अक्टूबर 15300 क्विं.‎ नवंबर 436400 क्विं.‎ दिसंबर 492600 क्विं.‎ 11 जनवरी तक 49202 क्विं.‎ कुल 1025502 क्विं.‎ घपला 8204 क्विं.‎