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अब सांसों का संकट नहीं:नर्मदापुरम में तैयार हो रहा है प्रदेश का पहला प्लांट, जहां रोज जनरेट होगी 150 टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन

www.bhasker.com | 17-Feb-2022
प्रदेश का पहला मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट नर्मदापुरम में तैयार किया जा रहा है। आने वाले छह से सात महीने के भीतर ये तैयार हो जाएगा। यहां पर 200 कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं। यहां पर रोजाना 200 टन लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) तैयार होगी। इसमें से 150 टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्रदेश के सरकारी और निजी अ ...

प्रदेश का पहला मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट नर्मदापुरम में तैयार किया जा रहा है। आने वाले छह से सात महीने के भीतर ये तैयार हो जाएगा। यहां पर 200 कर्मचारी 24 घंटे काम कर रहे हैं। यहां पर रोजाना 200 टन लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) तैयार होगी। इसमें से 150 टन मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में सप्लाई हो सकेगी।

शेष 50 टन नाइट्रोजन गैस और ऑर्गन गैस का प्रतिदिन का प्रोडक्शन हो सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य सरकार ने नर्मदापुरम के मोहासा-बाबई में कोरोना की दूसरी लहर में 11 एकड़ जमीन इनॉक्स एयर प्रोडक्टस प्रा.लि को दी थी। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में करीब 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

दूसरी लहर में प्रदेश में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी तो कई राज्यों ने सप्लाई रोक दी थी, जिससे भारी परेशानी हुई थी

भोपाल में दूसरी लहर में 90 से 100 टन ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता थी, अब यह 300 टन स्टोरेज पर पहुंच गई है

400 टन ही सप्लाई हो रही थी

दूसरी लहर में गुजरात, झारखंड, राजस्थान, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से 185 टैंकरों से रोजाना 300 से 400 टन ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश में हो रही थी। जबकि खपत 600 टन थी। इस दौरान कई राज्यों ने सप्लाई रोक दी थी, जिससे भारी परेशानी हुई थी। नए प्लांट से दूसरे राज्यों पर निर्भरता खत्म होगी।

50 टन ऑक्सीजन की खपत

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स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम पी खाड़े ने बताया कि प्रदेश में रोजाना 50 टन ऑक्सीजन की खपत है। वहीं अस्पतालों में लगाए 200 पीएसए प्लांट (प्रेशर स्विंग एड्जॉर्पशन) से 225 टन ऑक्सीजन जनरेट हो रही है। नए प्लांट में रोजाना 150 टन ऑक्सीजन जनरेट होगी। इसे छह से 8 घंटे में दूसरे जिलों में पहुंचाया जा सकेगा।

फिलहाल- भोपाल जिले में 25 अस्पतालों में पीएसए प्लांट चालू हो गए हैं

कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में 25 अस्पतालों में पीएसए प्लांट चालू हो गए हैं। इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। एक पीएसए प्लांट से 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जनरेट करता है। भोपाल में कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना 110 टन ऑक्सीजन की जरूरत थी। अभी 15 से 20 टन ऑक्सीजन की ही जरूरत है।