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बारना डेम से ही पलेवा और तीन बार सिंचाई के लिए मिलेगा पानी, हलाली 51% खाली

shailendra kushwah | 13-Sep-2023
  जिले में इस बार 38.50 इंच ही बारिश हुई है। सामान्य औसत बारिश के लिए 8.6 इंच की अब भी दरकार है। कम बारिश से बारना डेम 23 प्रतिशत खाली है, वहीं हलाली 51 प्रतिशत। सिंचाई विभाग के 34 तालाब भर गए हैं। शेष तालाब कम ही भर पाए हैं। इससे बारना से तो रबी की 71 हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के लिए पानी मिल ज ...

 

जिले में इस बार 38.50 इंच ही बारिश हुई है। सामान्य औसत बारिश के लिए 8.6 इंच की अब भी दरकार है। कम बारिश से बारना डेम 23 प्रतिशत खाली है, वहीं हलाली 51 प्रतिशत। सिंचाई विभाग के 34 तालाब भर गए हैं। शेष तालाब कम ही भर पाए हैं। इससे बारना से तो रबी की 71 हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के लिए पानी मिल जाएगा, लेकिन हलाली से विदिशा और रायसेन जिले की 40 हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचाई के लिए जरूरत से कम ही पानी मिल पाएगा।

हालांकि मौसम विभाग ने आगमी दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है तो स्थिति में सुधार आ सकता है। एक सप्ताह से हो रही बारिश से बारना डेम में 51 सेमी ही जल स्तर बढ़ा है। 23 प्रतिशत अब भी खाली है। 12 सितंबर की स्थिति में जल स्तर 346.95 मीटर पर है, जबकि डेम की क्षमता 348.55 मीटर है। इस तरह से डेम अभी भी 1.6 मीटर खाली है। प्रभारी ईई रविंद्र जैन और एसडीएम जीएस तोमर ने बताया कि रबी की फसल को एक पलेवा और सिंचाई के लिए तीन बार पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। इन दिनों बराना डेम से जिले में प्रतिदिन 3 से 4 एमसीएम पानी धान की फसल के लिए छोड़ा जा रहा है।

इस तरह से जुलाई, अगस्त और 12 सितंबर के बीच में बारना डेम से 75 एमसीएम पानी धान की सिंचाई के लिए दिया जा चुका है, जबकि 15 अक्टूबर तक धान में पानी की जरूरत होती है। इस तरह से बारना से धान के लिए 100 एमसीएम पानी और नहरों में छोड़ा जा सकेगा। बारना से 20 हजार हेक्टेयर धान की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।

बारना डेम- एक सप्ताह की बारिश से 51 सेमी बढ़ा जल स्तर, अब भी 23 प्रतिशत खाली

हलाली डेम - 51 प्रतिशत खाली, टेल क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पाएगा पानी हलाली डेम 51 प्रतिशत खाली है। महज 49 प्रतिशत ही भरा है। एक सप्ताह की बारिश से जल स्तर 3 प्रतिशत ही बढ़ पाया है। इससे जल स्तर महज 456.89 मीटर पर पहुंच पाया है, जबकि क्षमता 459.61 मीटर की है। डेम से विदिशा और रायसेन जिले में 40 हजार हेक्टेयर रकबे की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है। इस बार सिंचाई के लिए कम ही पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे नहरों के टेल क्षेत्र के किसानों को पानी नहीं मिल पाएगा।