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मंडी व्यापारी भी हड़ताल पर, शासन को टैक्स का नुकसान, हम्मालों का छिना रोजगार
जिले में 22 दिन से पटवारी हड़ताल पर हैं। इससे किसानों के काम अटक गए हैं, वहीं बारिश से हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार नहीं हो पा रही है। वहीं मंडियों में भी हड़ताल के चलते व्यापारियों ने नीलामी बंद कर दिया है। इससे शासन को मंडी टैक्स का नुकसान हो रहा है। हम्माल बेरोजगार हो गए हैं, उन्हें गल्ला व्यापारियों के यहां पर अब काम नहीं मिल पा रहा है।
रायसेन तहसील पटवारी संघ के अध्यक्ष फूल सिंह लोधी ने बताया कि पटवारियों को 1998 का निर्धारित वेतनमान 2023 में दिया जा रहा है। 25 साल से उनके वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसके चलते मध्य पटवारी कलमबंद हड़ताल पर हैं। पटवारियों की हड़ताल के चलते तहसील कार्यालय में काम लेकर पहुंच रहे लोग परेशान हो रहे हैं। कुछ दिन पहले जिन लोगों के घरों में पानी भर गया था, उनको अभी तक हड़ताल के चलते मुआवजा नहीं मिल पाया है। धरना स्थल पर पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष गोविंद सिंह, शैलेंद्र गौतम, लखन लाल वर्मा, दिनेश पटेल, कमलेश मालवीय, सीताराम अहिरवार सहित अन्य पटवारी मौजूद थे।
मंडियों में भी ठप पड़ा काम जिले भर की मंडियों में व्यापारियों की हड़ताल से काम ठप है। गल्ला व्यापारी मनोज सोनी ने बताया कि मंडी में सप्ताह भर में 2500 से 3000 क्विंटल तक की आवक होती है, जिससे शासन को टैक्स मिलता है। गल्ला व्यापारियों की हड़ताल से सभी काम बंद हो गए हैं। शासन को किसानों और हम्मालों के हितों को ध्यान में रखकर गल्ला व्यापारियों की मांगों को मान लेना चाहिए।