देश की राजधानी दिल्ली में ठंड ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी की वजह से दिल्लीवासियों को अक्टूबर की शुरूआत से ही ठंड का एहसास होने लगा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का अनुमान है कि अगले हफ्ते से दिल्ली के टेम्प्रेचर में तेजी से गिरावट आएगी। दिल्ली के साथ-साथ देश के बाकी हिस्सों में भी ठंड का मौसम बस दरवाजे पर दस्तक देने ही वाला है।
गर्मियों के बाद ठंड का मौसम बीमारियों का मौसम भी होता है। एकदम से टेंपरेचर बदलने पर बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में अपने शरीर का खास ख्याल रखने की जरूरत है। आने वाली सर्दियों का स्वागत करने की तैयारियों के साथ आपको खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए अपने खान-पान और डेली लाइफ के रूटीन में कुछ जरूरी बदलाव करने की जरूरत है।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि ठंड आने से पहले क्या-क्या तैयारियां करें।
सवाल: मौसम विभाग ने अगले हफ्ते से ठंड बढ़ने का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में अभी से क्या तैयारियां करनी चाहिए?
जवाब: जब हमें पता चल गया है कि ठंड शुरू होने वाली है तो हमें अभी से उसके लिए प्रिपेअर हो जाना चाहिए। तैयारियों को नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं।
सवाल: बदलते मौसम को देखते हुए हमें डेली लाइफ रूटीन में क्या बदलाव करने की जरूरत है?
जवाब: इस मौसम में खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए उठाने वाले जरूरी कदम को नीचे दिए गए पॉइंट्स से समझते हैं-
सवाल: बदलते मौसम में किन लोगों को ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत होती है?
जवाब: वैसे तो बदलते मौसम में सभी को अपना ख्याल रखना चाहिए। लेकिन कुछ लोग ऐसे मौसम में जल्दी बीमार पड़ते हैं। उन्हें खास ख्याल रखने की जरूरत है।
सवाल: हम अपनी बॉडी को ठंड के हिसाब से कैसे ढाल सकते हैं?
जवाब: नीचे लिखी बातों को ध्यान से पढ़ें और पढ़कर भूलें नहीं, बल्कि फॉलो भी करें।
सवाल: बदलते मौसम या एकदम से पड़ने वाली ठंड में लापरवाही करने या बचाव न करने से क्या होगा?
जवाब: बदलते मौसम में स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों जरूरी है और ऐसा न करने के क्या नुकसान हो सकते हैं, यह जानने के लिए हमने जनरल फिजिशियन डॉ. बालकृष्ण श्रीवास्तव से बात की। आइए जानते हैं कि मेडिकल एक्सपर्ट का इस बारे में क्या कहना है।
हार्ट प्रॉब्लम- ठंड का मौसम आपके ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। कम टेम्प्रेचर से ब्लड वेसेल्स सिकुड़ सकते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ेगा।
कोलेस्ट्रॉल लेवल इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि लोग ठंड के मौसम में अनहेल्दी खाना ज्यादा खाते हैं, जिसकी वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है।
इस वजह से कार्डियक अरेस्ट या हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकती हैं। अगर आपको पहले से ही हार्ट की कोई प्रॉब्लम हो तो इस मौसम में टेंशन लेने से, तेज चलने से और कोई भारी एक्टिविटी करने से बचें।
डायबिटीज- एक रिसर्च के अनुसार, ठंड के मौसम में डायबिटीज के पेशेंट्स का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है क्योंकि ठंड में लोग कम्फर्ट फूड (कार्बोहाइड्रेट और हाई शुगर वाला खाना) खाते हैं। कार्ब और शुगर से परहेज करें।
इसके अलावा ठंड के मौसम में लोग सुबह जल्दी उठने, एक्सरसाइज और योग करने में भी आलस करते हैं, जिसकी वजह से भी शुगर लेवल बढ़ता है।
मेंटल हेल्थ इश्यूज- ठंड के मौसम में कई लोग विंटर ब्लूज यानी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) से पीड़ित होते हैं। सूरज की रोशनी इस मौसम में कम आती है। इससे आपके सेरोटोनिन यानी गुड फीलिंग वाले हॉर्मोन का लेवल गिर सकता है, जिसकी वजह से मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम हो सकती है।
सांस रिलेटेड समस्याएं- ज्यादा ठंड की वजह से चेस्ट में एयरवेज टाइट हो जाते हैं। सांस लेना मुश्किल हो जाता है, जिससे ब्रीदिंग रेट बढ़ जाती है। अस्थमा पेशेंट्स इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इस मौसम में ड्राई एयर सीधे फेफड़ों में जाती है और एयरवेज में सूजन का कारण बनती है।
आर्थराइटिस- ठंड के मौसम में बैरोमैट्रिक प्रेशर बढ़ता है, जिससे आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों का दर्द भी बढ़ता है। डॉक्टरों के अनुसार, जोड़ों में दर्द न हो (आर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द होता है), इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए। साथ ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।