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काल की गणना:अक्षांश-देशांतर से काल की गणना, इसलिए 2 दिन अष्टमी-नवमी, 26 को होगा रावण दहन

https://www.bhaskar.com/ | 24-Oct-2020
काल की गणना:अक्षांश-देशांतर से काल की गणना, इसलिए 2 दिन अष्टमी-नवमी, 26 को होगा रावण दहन रायसेन5 घंटे पहले कोविड के कारण रावण के पुतले की हाइट हुई कम, 20 फीट के पुतले का होगा दहन काल की गणना अक्षांश-देशांतर से होती है। अलग-अलग क्षेत्र में सूर्योदय का समय अलग रहता है। काल की गणना इसी आधार पर ...

काल की गणना:अक्षांश-देशांतर से काल की गणना, इसलिए 2 दिन अष्टमी-नवमी, 26 को होगा रावण दहन

रायसेन5 घंटे पहले

कोविड के कारण रावण के पुतले की हाइट हुई कम, 20 फीट के पुतले का होगा दहन

काल की गणना अक्षांश-देशांतर से होती है। अलग-अलग क्षेत्र में सूर्योदय का समय अलग रहता है। काल की गणना इसी आधार पर होती है, इसलिए तिथियों में अंतर आता है। इसी के चले इस बार अष्टमी-नवमी दो दिन मनेगी। जबकि दशहरा पर्व 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा पर्व पर इस बार सिर्फ 20 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। जबकि कोविड के कारण इस बार दुर्गा प्रतिमाओं का चल समारोह नहीं निकला जाएगा। बल्कि झांकी के आयोजक अपनी सुविधानुसार प्रतिमाओं को नदी में विसर्जन के लिए लेकर जाएंगे। प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों में होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित गजेंद्र शर्मा ने बताया कि 24 अक्टूबर को सुबह 10.58 तक अष्टमी रहेगी। इसके बाद नवमी शुरू हो जाएगी। 25 अक्टूबर को सुबह 10.45 बजे तक नवमी रहेगी। नवरात्र व्रत का पारण रविवार शाम तक है। वहीं 26 अक्टूबर को शमी पूजन, अपराजिता पूजन, शस्त्र पूजन, शल्य चिकित्सकीय उपकरणों का पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा। जयवीर का मुखौटा निकलेगा, फिर होगा रावण दहन : हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष बबलू ठाकुर ने बताया कि दशहरा पर्व 26 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा। दशहरा मैदान पर रावण दहन का कार्यक्रम रखा गया है। यहां पर 20 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। इससे पहले शहर में जय महावीर के मुखौटे की शोभायात्रा निकाली जाएगी। जय महावीर के दशहरा मैदान पर पहुंचने के बाद भगवान श्रीराम द्वारा रावण का वध करने के बाद उसके पुतले का दहन किया जाएगा।