उज्जैन2 घंटे पहले
महाकालेश्वर मंदिर जाने का अब तीसरा नया द्वार दक्षिण में त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग पर बनाया जा रहा है। मंदिर जाने का पुराना मार्ग उत्तर में कोटितीर्थ कुंड से लगा बड़ा गणेश मंदिर के सामने है। इसके बाद पूर्व में शहनाई द्वार बनाया था, जहां से सवारी में पालकी का आवागमन होता है। स्मार्ट सिटी के महाकाल-रुद्रसागर प्रोजेक्ट में अब तीसरा द्वार बन कर तैयार हो रहा है। 26 मीटर चौड़ा और 11 मीटर ऊंचे इस द्वार के शीर्ष पर 12 फीट ऊंचे 4 नंदी विराजेंगे। द्वार के दोनों तरफ यक्ष-यक्षणी की मूर्तियां होंगी। द्वार के पिलर्स पर नवग्रह और अन्य प्रतिमाएं उकेरी जा रही हैं।
पत्थर तराश रहे राजस्थानी कारीगर
द्वार के एक हिस्से के पिलर्स खड़े हो रहे हैं। पिलर्स में जड़े जाने वाले लाल पत्थरों को तराशने का काम भी हो रहा है। राजस्थानी कारीगर छैनी-हथौड़ी से पत्थरों पर नक्काशी और मूर्तियां बना रहे हैं। पत्थर तैयार हो जाने पर क्रेन से इन्हें पिलर्स पर चढ़ाया जाता है। समिति यह व्यवस्था कर रही है कि प्रवेश के लिए पब्लिक प्लाजा में कियोस्क सेंटर होगा जहां से श्रद्धालुओं को प्रवेश-कार्ड दिया जाएगा।